आश्चे बोछोर आबर होबे:सिंदूर खेला के साथ दी गई मां को विदाई, ढोल-नगाड़ों पर थिरकीं महिलाएं – Farewell To Mother Was Given With Playing Of Vermillion, Women Danced On Drums, Holi Of Vermillion Was Played


जंगम बाड़ी स्थित ईगल क्लब में माता दुर्गा के प्रतिमा के समक्ष सिंदूर खेलती महिलाएं। उज्जवल गुप्ता
– फोटो : उज्जवल गुप्ता, संवाद
विस्तार
आश्चे बोछोर आबर होबे… अर्थात ससुराल को विदाई देते हुए दोबारा जल्दी आना का उद्घोष बंगाली समुदाय के पंडालों में गूंज उठा। मंगलवार को भेलूपुर से लेकर दशाश्वमेध तक बंगाली समुदाय ने मां जगदंबा को भीगी पलकों के साथ विदाई दी। बैंड बाजे की धुन पर थिरकती हुए महिलाओं ने सिंदूर खेला की रस्म भी निभाई और जब विदाई का मौका आया तो आंखें भी छलक उठीं।
दशमी तिथि पर शाम ढलते ही बंगाली पंडालों की रौनक देखते ही बन रही थी। महिलाएं कतारबद्ध होकर माता को सिंदूर अर्पित कर रहीं थीं और एक दूसरे को सिंदूर लगा रही थीं। कई पंडालों में तो सिंदूर की होली ऐसी खेली गई कि हर चेहरे पर माता के सिंदूर की लालिता बिखरी नजर आ रही थी। सिंदूर खेला की समाप्ति के बाद मां को विदाई दी गई। मां का विसर्जन कर उनसे जल्दी दोबारा वापस आने की प्रार्थना की गई। मंगलवार को दोपहर के बाद से ही पंडालों में विदाई की रस्में शुरू हो गईं। पहले सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा को पान के पत्ते से सिंदूर चढ़ाया और मिठाई खिलाई। इसके बाद सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाना शुरू किया। पूरा पंडाल सिंदूरी रंगत में रंगा नजर आ रहा था। इसके बाद धुनुची नृत्य के साथ माता को विदाई दी गई और बोरन की प्रथा भी निभाई गई।
0 Comments