भूख हड़ताल कर करवाचौथ:अमरोहा में दिनभर आंदोलन के बीच कथा का पाठ, शाम को पति धरनास्थल पर पहुंचे तो खोला व्रत – Karva Chauth: Story Recitation Amid Whole Day Movement Amroha, Fast Broken When Husband Reached Protest Site


अमरोहा में आंदोलन स्थल पर करवाचौथ पर हुई पूजा
– फोटो : संवाद
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अमरोहा में मध्य गंगा नहर में अधिग्रहित की गई जमीन का हक पाने के लिए महिलाओं का हौसला लगातार बुलंद हैं। खास बात यह है कि करवा चौथ जैसे विशेष मौके पर भी उनके पांव पीछे नहीं हटे। हालांकि त्योहार के प्रति आस्था और विश्वास उनके मन में भरा रहा। उन्होंने भूख हड़ताल के बीच वहीं पर करवाचौथ की कथा का पाठ किया।
हालांकि, शाम को धरना स्थल पर लगे सबमर्सिबल से उन्होंने करवों में पानी भरा और अपने-अपने घर ले गईं। साल 2011 में रजबपुर के गांव रामपुर घना, कूबी और मोहनपुर के किसानों की जमीन मध्य गंगा नहर के लिए अधिग्रहित हुई। प्रशासन ने उस समय किसानों को उसका मुआवजा नहीं दिया। गत वर्ष प्रशासन ने पुराने रेट के आधार मुआवजा देने की बात कही।
जिसके बाद किसानों ने वर्तमान सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देने की मांग की। लेकिन, प्रशासन ने उनकी मांग को नहीं सुना। तब से लेकर उनका आंदोलन जारी है। पिछले दिनों महिलाएं भी भूख हड़ताल पर बैठ गई। उन्होंने नवरात्र में भी दुर्गा मां की पूजा धरना स्थल पर ही की। इस सबके बावजूद प्रशासन ने चार दिन पूर्व अचानक नहर की खोदाई शुरू कर दी थी।
जिस पर किसान विरोध में उतर आए थे। महिलाएं जेसीबी के आगे लेट गईं थीं और किसानों ने डीजल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया था। बाद में प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा। इस सबके बीच कूबी में महिलाओं की भूख हड़ताल जारी रही। बुधवार को 20वें दिन भी वह भूख हड़ताल पर रहीं। खास बात यह है कि करवा चौथ पर भी उन्होंने जमीन के हक के लिए लड़ाई जारी रखी।
दोपहर में ही धरना स्थल पर करवाचौथ की कहानी पढ़कर पूजा पाठ किया और पति की लंबी उम्र की कामना की। वहीं, प्रण लिया कि जब तक जमीन का हक नहीं मिलेगा, वह पीछे नहीं हटेंगी। शाम को मौके पर लगे सबमर्सिबल से ही जल भरा और अपने-अपने घरों को ले गईं। भूख हड़ताल पर सुनीता देवी, निर्दोष, पूनम, शीतल, रश्मि, सिंपल, बबीता और गीता शामिल रहीं।
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