Azam Khan:जौहर यूनिवर्सिटी जाने को आजम ने बनवाया यूपी का सबसे लंबा पुल, शिकायत होती रही..धमक से काम चलता गया – Azam Khan Built Longest Bridge Of Up To Go Johar University, Complaints Kept Coming…work Went Threats

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Azam Khan built longest bridge of UP to go Johar University, complaints kept coming...work went threats

रामपुर में सपा नेता आजम खां की जौहर विश्वविद्यालय
– फोटो : संवाद

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समाजवादी पार्टी की सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री रहे आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी जाने के लिए प्रदेश का सबसे लंबा पुल बनवाया था। यह पुल सिर्फ इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि यूनिवर्सिटी तक जाने के लिए इस पुल की कोई जरूरत ही नहीं थी।

यूनिवर्सिटी के रास्ते में न तो कोई ट्रैफिक था और न ही कोई रेलवे क्रॉसिंग न ही कोई नदी या अन्य बाधा। इसको लेकर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने शिकायत भी की थी लेकिन फिर भी पुल बना। इस पुल से प्रतिदिन गुजरने वाला ट्रैफिक न के बराबर है।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां ने नगर विकास मंत्री रहते हुए करोड़ों रुपये की लागत से जौहर यूनिवर्सिटी खड़ी की। वहीं एकता तिराहे से जौहर विश्वविद्यालय तक प्रदेश का सबसे लंबा (पांच किलोमीटर) फ्लाईओवर भी बनवाया। पैराबोलिक (परवलयाकार) शेप में पिलर बनवाए गए।

पुल के निर्माण पर करीब 146 करोड़ रुपये का खर्च किए गए थे। इस पुल के निर्माण के दौरान यहां जमीन आवंटन को लेकर कई बार विवाद खड़े हुए थे। यह विवाद कोर्ट भी पहुंचा। इस मामले में कई बार शिकायत भी हुई कि सपा नेता ने अपने निजी फायदे के लिए इसका निर्माण कराया गया है।

साथ ही पुल के निर्माण में नियमों के उल्लंघन का भी आरोप लगा। साथ ही यह भी कहा गया था कि यह पुल ऐसे स्थान पर बना है, जहां न तो कोई रेलवे क्राॅसिंग है और न ही कोई नदी। इसको लेकर भी भाजपा नेता ने शिकायत की थी, लेकिन फिर भी पुल का निर्माण कार्य नहीं रुका और पुल बनकर तैयार हो गया।

 भूकंप रोधी तकनीक का हुआ है इस्तेमाल

एकता तिराहे से जौहर विश्वविद्यालय तक करीब डेढ़ अरब रुपये की लागत से भूकंप रोधी पुल बनवाया गया था। फ्लाईओवर के निर्माण में शासन द्वारा स्वीकृत नवीनतम भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया।

फ्लाईओवर निर्माण कराने वाली संस्था उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉर्पोरेशन के अभियंताओं के अनुसार जियोलॉजिकल रिपोर्ट के अनुसार रामपुर जनपद भूकंप संभावित क्षेत्र के डेंजर जोन में आता है। भूकंपरोधी तकनीक के इस्तेमाल के बिना बने पुल और इमारतें 8.2 तीव्रता का भूकंप आने पर ढह जाते हैं, लेकिन यह फ्लाईओवर बड़े से बड़ा भूकंप को झेल जाएगा।

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