Chandra Grahan 2023:चंद्रग्रहण पर चार बजे से बंद हो जाएंगे मंदिरों के कपाट, इस दौरान न करें ये काम – Chandra Grahan 2023: Doors Temples Closed From 4 O Clock Lunar Eclipse, Do Not These Things During This Time

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Chandra Grahan 2023: doors temples closed from 4 o clock lunar eclipse, do not these things during this time

चंद्र ग्रहण

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इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण शनिवार को लगेगा। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण की वजह से मंदिरों में होने वाले भजन-कीर्तन के कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं। चंद्रग्रहण का सूतक लगने के कारण शाम चार बजे से मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे, जो रविवार सुबह खुलेंगे। ग्रहण रात एक बजकर पांच मिनट से शुरू होगा और रात दो बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनिवार को चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल रात एक बजकर पांच मिनट पर, मध्यकाल रात एक बजकर 44 मिनट पर और मोक्ष काल रात दो बजकर 24 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल शाम चार बजकर पांच मिनट से शुरू हो जाएगा और रात में दो बजकर 22 मिनट पर सूतक भी समाप्त हो जाएगा।

इससे पहले 14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगा था। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य ग्रहण में सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले लग जाता है। यह चंद्र ग्रहण आश्विन माह के पूर्णिमा तिथि, अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगेगा।

सभी राशियों के ऊपर इस चंद्र ग्रहण का असर देखने को मिलेगा। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए व किसी भी चीज को काटे ना और अपने बाल भी खोल कर रखें। इस समय गर्भवती महिला व सभी लोगों को इष्ट देव का मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र जाप करते रहना चाहिए।

शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है। ऐसे में खुले आसमान में खीर की कटोरी रखने की परंपरा है और सुबह होकर उसे खीर को खाने से सभी दुख, क्लेश दूर होते हैं। इस बार ग्रहण काल में खीर रखना शुभ नहीं रहेगा। – पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य।

पूर्णिमा तिथि इस बार शनिवार को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और समापन रविवार को दोपहर 1 बजकर 53 मिनट पर होगा। इस दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग और सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है, जिसके कारण यह शरद पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है। –  पंडित केदारनाथ मिश्र, मुख्य पुजारी, प्राचीन शिव मंदिर झांझनपुर

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