Up:घर की दहलीज छोड़ संस्कारों की सीख देंगी चार बेटियां, आधुनिक चकाचौंध को छोड़कर अपनाया साध्वी बनने का रास्ता – Four Daughters Of Jain Families Will Leave Doorstep And Teach Values To People

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Four daughters of Jain families will leave doorstep and teach values to people

बुंदेलखंड की बेटियां
– फोटो : अमर उजाला

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डिजिटल युग में युवाओं पर सोशल मीडिया का खुमार चढ़ा हुआ है। रील्स, मीम्स, लाइक, कमेंट और शेयर के दौर में युवा संस्कारों से विमुख हो रहे हैं। वहीं, बुंदेलखंड की बेटियां आधुनिक चकाचौंध से दूर दूसरों का जीवन संवारने निकल पड़ी हैं। 

इन बेटियों ने लोगों को संस्कारों का पाठ पढ़ाने के लिए घर छोड़ दिया है। जैन समाज के प्रतिष्ठित परिवारों की इन बेटियों को 16 दिसंबर को आर्यिका विशाश्री माताजी कोलकाता में आर्यिका दीक्षा प्रदान करेंगीं। 

बेटियां साध्वी बनकर जैन धर्म के सिद्धांत और नियमों का पालन करते हुए पूरे देश में संस्कारों का शंखनाद करेंगीं। इन दिनों इन बेटियों की जगह-जगह बिनौली यात्रा निकाली जा रही है। इस दौरान बेटियां गृहस्थावस्था में हुई भूलों की समाज से क्षमा याचना कर रही हैं।

बीसीए कर चुकीं शिवा बनेंगी जैन साध्वी

ललितपुर के बानपुर निवासी महेंद्र नायक की बड़ी बेटी शिवा जैन आर्यिका माता विशाश्री से दीक्षा लेने जा रही हैं। शिवा दीदी के पिता महेंद्र नायक बताते हैं कि वर्ष 2011 में आचार्य विशुद्ध सागर महाराज और आर्यिका विशाश्री माताजी ने बानपुर में पंचकल्याणक महोत्सव कराया था।

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